आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बतायगे जिसने अपनी जायदात में अपने बेटे को एक फूटी-कौड़ी भी नही दी. यहां तक कि अपनी पूरी सम्पति अपने वफादार कुत्ते के नाम कर दी. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा सिर्फ और सिर्फ फिल्मो में होता हैं कि कोई पिता अपनी पूरी सम्पति अपने बेटे की जगह किसी कुत्ते के नाम मर दे. आपको बता दे कि इस आर्टिकल में लिखी हुई एक-एक बात बिल्कुल सच है क्योंकि इस व्यक्ति ने अपने बेटे को अपनी पूरी जायदात से बिल्कुल बे दखल कर दिया. आइये आपको पूरी घटना से रूबरू करवाते हैं कि क्या कारण रहा जिसकी वजह से इस व्यक्ति ने अपने बेटे-बहु को सम्पति में से एक भी रुपए नही दिए ओर सारी सम्पति अपने बेटे के वफादार कुत्ते के नाम कर दी.
वाकायदा बनवाई है वसीयत , ओर लिख दिया कुछ ऐसा
जिस व्यक्ति के बारे में हम कर रहे हैं वह मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं. इस आदमी का नाम ओम वर्मा हैं जो कि पेशे से किसान हैं और इनकी उम्र 50 वर्ष हैं. ओम वर्मा जी ने दो शादियां की थी. ओम वर्मा की पहली पत्नी से उन्हें 4 बच्चो की प्राप्ति हुई जिनमे 3 लड़कीं ओर 1 बेटा हैं. कुछ समय बाद ओम वर्मा ने दूसरी भी शादी कर ली. ओम वर्मा की दूसरी पत्नी का नाम चंपा वर्मा हैं. चंपा से शादी के बाद ओम वर्मा को 2 बेटियां हुई लेकिन कोई पुत्र नही हुआ. ओम वर्मा की दूसरी पत्नी उनका बहुत ज्यादा ख्याल रखती हैं ओर उनके साथ-साथ ओम वर्मा जी का पालतू कुत्ता जिसका नाम जैकी हैं वह भी ओम वर्मा का बिल्कुल बेटे की तरह ख्याल रखता हैं. ओम वर्मा को अपनी पहली पत्नी से जो बेटा हुआ था वह उनका बिल्कुल भी ख्याल नही रखता था और ना ही ठीक तरह से बात करता था. अपने बेटे के इसी व्यहावर की वजह से किसान ओम वर्मा ने अपने बेटे को खुद जायदात में से फूटी-कोड़ी भी नही दी.
वसीयत में लिखा है कुछ ऐसा , मानो हैं ककी फ़िल्म की कहानी
ओम वर्मा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि ” मेरी आधी सम्पति की मालकिन मेरी दूसरी पत्नी चंपा होगी क्योंकि इसने मेरे सुख-दुख में सबसे ज्यादा साथ दिया हैं.” इसके बाद वसीयत में यह भी लिखा कि ” बची हुई आधी सम्पति का वारिस मेरे पालतू कुत्ता जैकी होगा. क्योंकि जैकी ने मेरा ख्याल मेरे खास बेटे से भी ज्यादा रखा हैं. ओम वर्मा जी ने बोला कि जो भी मेरे जैकी का अच्छे से ख्याल रखेगा वो ही मेरी आधी सम्पति का वारिस होगा.