जरूरी नही है कि किसी इंजीनियर के बच्चे ही इंजिनीर बने , डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बने और ऑटो रिक्शा चलाने वाले के बच्चे ऑटो रिक्शा ही चलाए. दुनिया भर में लड़कियां अपने माता-पिता का नाम बहुत ज्यादा रोशन कर रही हैं और आए दिन आसमान की उच्चाई को छू रही हैं हालहि में ओलिंपिक में देश की बहुत सारी बेटियो ने मैडल जीतकर देश का नाम रोशन किया हैं. भारत मे बहुत सारे गरीब परिवार की बेटियां आईएएस , आईपीएस बन रही हैं.
आज हम आपको मुम्बई के ऑटो चालक की बेटी के बारे में बातएगे जिसका हालहि एक बहुत बड़ी IT कंपनी सालाना 42 लाख के पैकेज लगा है जिसके चलते ऑटो चालक बहुत ज्यादा खुश हो रहा हैं क्योंकि उसने ज़िन्दगी भर अपनी बेटी को पढ़ाने के बहुत से दुखो का सामना किया है जिसके चलते घर मे 2 वक़्त की रोटी खाने के भी पैसे नही थे लेकिन फिर भी दिन-रात ऑटो रिक्शा चला कर अपनी बेटी की इंजीनियरिंग की फीस भरी ओर आज यह उसी का परिणाम हैं जिसकी वजह से इस लड़कीं ने जम मर पढ़ाई की ओर अपने जीवन के पहले इंटरव्यू में ही अमेरिका की बहुत बडी कंपनी में 42 लाख का सालाना पैकेज हासिल कर लिया.
बनना चाहती थी डॉक्टर लेकिन फ़िर चुनी इंजीनियर बनने की राह
जिस लड़की की हम बात कर रहे है वह मुंबई के कोल्हापुर शहर की रहने वाले ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी हैं. इस लड़कीं का नाम अमृता करंदे हैं. अमृता बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ज्यादा होशियार थी जिसके चलते अमृता ने कक्षा 12वी की बोर्ड की परीक्षा में 97% बनाई थी. अमृता को डॉक्टर बनना था लेकिन डॉक्टर की पढ़ाई करने में इंजीनियरिंग की पढ़ाई से भी बहुत ज्यादा पैसे लगते है. यही सोच कर अमृता ने इंजीनियरिंग करने की सोच ली. अमृता वर्तमान समय मे कोल्हापुर इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी IT कॉलेज में है.
अमृता जो कि अभी इंजीनियरिंग की 5वे सेमिस्टर में है. इंजीनियरिंग मे 5वा सेमिस्टर खत्म होने से पहले बड़ी-बड़ी IT कंपनी नामी कॉलेज में जाती हैं और बच्चो का इंटरव्यू लेती हैं और अगर उन बच्चो में टैलेंट हैं तो बड़ी-बड़ी कंपनीयों के ऑफर देती हैं. अमृता को अपने कॉलेज में प्लेसमेंट देने आई दुनिया की नामी IT कंपनी ADOBE जो कि अमेरिका में हैं. इस कंपनी ने अमृता का इंटरव्यू लिया और उसको सेलेक्ट भी कर लिया.
अमृता को इस कंपनी ने शूरुआत में ही 42 लाख रुपए सालाना का बहुत बड़ा पैकेज मिल गया हैं. अमृता के पिता को जैसे ही इसके बारे में पता चला तो वह ख़ुशी से फुले नही समाए क्योंकि किसी बागी ऑटो ड्राइवर के लिए बहुत बड़ी बात होती कि उसकी बेटी का किसी अमेरिकी कंपनी में सालाना 42 लाख रुपए का पैकेज लग जाए.